बुधवार, 24 अप्रैल 2013

Evening sky


दफ़न कर दो हमें के सांस मिले ,
नब्ज़ कुछ देर से थमी सी है .

शाम से आँख में नमी सी है ...



7 टिप्‍पणियां:

  1. कभी कभी सोचती हूँ के आपसे दोस्ती न हुई होती तो मैं कितनी अनजान रह जाती खूबसूरती सी....पारुल जी...हमेशा की तरह बेहद खूबसूरत.

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